आख़िर किसी समुदाय को दलित क्यों कहा जाता है?
वो समुदाय:
मैला ढोता है,
मैला साफ़ करता है,
गटर-नालियाँ साफ़ करता है,
कचरा उठाता और साफ़ करता है,
सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर झाड़ू लगाता है,
यानी कुल मिलाकर समाज से गन्दगी दूर कर उसे साफ़-सुथरा करता है और स्वच्छता लाता है,
तो फिर
वो दलित क्यों कहलाता है?
वो कर्मयोगी समुदाय तो बलित अर्थात बलशाली या बलिष्ठ समुदाय हुआ. बार-बार उसे दलित, पिछड़ा कहकर अपमानित क्यों किया जाता है? वो तो श्रेष्ठतम समुदाय है. केन्द्र सरकार को तत्काल इस सन्दर्भ में दिशा-निर्देश जारी करना चाहिये कि दलित, पिछड़ा जैसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग बन्द किया जाए एवं इस सेवाभावी, परोपकारी समुदाय को "बलित समुदाय" कहा जाए.
शिशिर भालचन्द्र घाटपाण्डे
०९९२०४ ००११४/०९९८७७ ७००८०
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