नवजीवन शुभारम्भ शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई एवम् अनन्त शुभकामनाएं पलक💐




लगभग २५ साल पुरानी बात है, इन्दौर के डलिया गेन्द परिसर अर्थात Basketball Complex में भव्यतम "नवरात्रि-गरबा महोत्सव" आयोजित था. गरबे की एक प्रस्तुति के बाद अचानक ही अत्यन्त कर्णप्रिय, सुमधुर आवाज़ से गूँजता, बेहतरीन गीत सुनाई दिया, "सत्यम् शिवम् सुन्दरम्." समूचा परिसर एकदम शान्त हो गया, चारों ओर सन्नाटा पसर गया और हज़ारों निगाहें उस आवाज़ की खोज में इधर-उधर घूमने लगीं कि आख़िर ये सुरीली आवाज़ आ कहाँ से रही है. तभी मंच के समीप से, हाथों में Mike थामे, सफ़ेद झक्क वस्त्रों में, बेहद सुन्दर एक नन्हीं परी आती दिखाई दी. सभी हतप्रभ होकर एकटक उसे निहारते ही रह गए कि इतनी कम उम्र में, सधे हुए सुरों से सजी, इतनी सुरीली आवाज़? उस वक़्त उस नन्हीं परी की आयु मात्र ५-६ साल ही रही होगी.

लेकिन उस समय कोई ये नहीं जानता था कि भविष्य में ये आवाज़, संगीत जगत में छा जाएगी और सुरों की ऐसी सुरीली छाप छोड़ेगी जो सदा के लिये संगीत प्रेमियों के मन-मस्तिष्क में घर कर जाएगी.

जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ उस पलक मुछाल की जो आज संगीत जगत का चमचमाता-जगमगाता सितारा हैं.

निश्चित रुप से पलक ने:

कड़ी लगन,

जीत-तोड़ मेहनत,

सुदृढ़ इच्छाशक्ति,

भरपूर आत्मविश्वास की बदौलत ये मुक़ाम हासिल किया लेकिन इन सबसे भी ऊपर उनके साथ था माता-पिता का शुभाशीर्वाद. विशेषकर, पलक की माता श्रीमती अमिता मुछाल ने बाल्यावस्था में ही उनकी अद्वितीय प्रतिभा को भाँपकर, उन्हें संगीतज्ञ बनाने हेतु, न केवल पुरज़ोर प्रयास शुरु कर दिए थे, बल्कि अपने इस लक्ष्य की पूर्ति एवम् दिवास्वप्न को साकार करने हेतु अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था. 

अपने इस बेहतरीन, यादगार संगीत सफ़र के दौरान पलक की प्रत्येक सफ़लता और उपलब्धि के पीछे जहाँ माता अमिता मुछाल की कड़ी मेहनत रही तो वहीं पिता राजकुमार मुछाल का सम्बल और छोटे भाई पलाश जो संगीतकार के रुप में स्वयं की अलग पहचान बना चुके हैं, का क़दम-क़दम पर साथ भी रहा. जिसका परिणाम सामने है, पलक आज संगीत जगत का जगमगाता सितारा हैं.

पलक न केवल एक बेहतरीन गायिका के रुप में सुविख्यात हैं, बल्कि वो विशाल हृदय रखने वालीं, सह्रदयी इन्सान भी हैं. पलक अब तक, हृदय रोग से ग्रसित ढ़ाई हज़ार से अधिक बच्चों की सफल Surgery करा चुकी हैं जोकि विश्व कीर्तिमान है. इस मानवतावादी कार्य का संकल्प उन्होंने बाल्यकाल में ले लिया था और छोटी सी उम्र में ही इतने बड़े और महान संकल्प की पूर्ति हेतु Stage Shows, Performances करने प्रारम्भ दिये थे.    

संगीत प्रेमियों के दिलों में बसने वालीं, माता अहिल्या की नगरी इन्दौर का नाम देश-विदेश में रौशन करने वालीं, इन्दौर की लाड़ली बेटी पलक, ०६ नवम्बर को अपने गौरवशाली नवजीवन के उज्जवल भविष्य का शुभारम्भ करने अर्थात् परिणय सूत्र में बँधने जा रही हैं. इस शुभ अवसर पर पलक एवं उनके जीवनसाथी सुप्रसिद्ध संगीतकार मिठुन को उज्जवल भविष्य हेतु हार्दिक बधाई एवम् अनन्त शुभकामनाएँ.


शिशिर भालचन्द्र घाटपाण्डे

०९९२०४ ००११४/०९९८७७ ७००८०         ghatpandeshishir@gmail.com

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