और कितनी चाहिये अभिव्यक्ति की आज़ादी?
तो अब ८० पार जाकर *अमिताभ बच्चन जी* को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता पर सन्देह हो रहा है. तो आदरणीय अमिताभजी, पैसा छापने से फ़ुर्सत मिले तो ज़रा कुछ महत्वपूर्ण बातें याद कर लें. अभिव्यक्ति की आज़ादी की आड़ लेकर ही कुछ लोग:
देशविरोधी नारे लगा रहे हैं.
सेना के शौर्य पर सवाल कर रहे हैं.
नारे लगाने वालों का समर्थन कर रहे हैं.
प्रदर्शन-आन्दोलन के नाम पर सड़कें और रास्ते जाम कर रहे हैं.
आतंकवादी की फांसी रुकवाने आधी रात को कोर्ट खुलवा रहे हैं.
पाकिस्तान ज़िन्दाबाद और ख़ालिस्तान ज़िन्दाबाद के नारे लगा रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद प्रभु श्रीराम मन्दिर का विरोध कर रहे हैं.
हास्य-व्यंग्य की आड़ में सनातन धर्म-देवी-देवताओं का घोर अपमान कर रहे हैं.
एक राजनैतिक दल और उसकी सरकार के विरोध की आड़ में देश का विरोध कर रहे हैं.
अफ़ज़ल-बुरहान-याक़ूब-सोहराब-इशरत समेत तमाम आतंकियों और उनके पालने वालों का समर्थन कर रहे हैं.
देश के प्रधानमन्त्री तक का खुलेआम अपमान कर रहे हैं, उनके प्रति अमर्यादित भाषा और शब्दावली का प्रयोग कर रहे हैं, उन्हें अपशब्द कह रहे हैं और यहाँ तक कि उन्हें हटाने के लिये दुश्मन देश पाकिस्तान से गिड़गिड़ाकर कर भीख़ माँग रहे हैं.
अरे, और कितनी आज़ादी चाहिये?
अब इन लोगों को घरों में घुसकर हमारे क़त्लेआम की आज़ादी चाहिये क्या?
और हाँ, एक और ज़रुरी बात:
अभिव्यक्ति की आज़ादी तो २५ जून १९७५ को, आधी रात को, मात्र रेडियो अनाउंसमेंट करके छीन ली गई थी:
विपक्षी राजनेताओं के साथ-साथ पत्रकारों, समाजसेवियों, समाजसुधारकों, देशप्रेमियों, सभी को जेलों में ठूंस दिया गया था.
बोलने-लिखने-पढ़ने और यहाँ तक की गाने तक पर पाबन्दी लगा दी गई थी.
कलाकारों पर पाबन्दी लगा दी गई थी.
भजन तो क्या, किशोर कुमार जी के रेडियो पर गाने पाबन्द कर दिये गए थे.
पता है न ये सब किसने किया था?
आपके बालसखा स्वर्गीय श्री राजीव गाँधी जी की माताजी और तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी जी ने.
तो
भजन-कीर्तन करने की उम्र में कृपया विवादित वक्तव्य न करें.
एक कलाकार के बतौर आपको भरपूर मान-सम्मान दिया लेकिन हमारे लिये *राष्ट्र सर्वोपरि*
क्योंकि
हम जानते हैं कि आपका ये वक्तव्य कल समूचे विश्व के मीडिया जगत की सुर्ख़ी बनने वाला है...
*जयहिन्द*💐🙏
सदैव आपका शुभाकांक्षी,
शिशिर भालचन्द्र घाटपाण्डे
०९९२०४ ००११४/०९९८७७ ७००८०
ghatpandeshishir@gmail.com

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें