"हैप्पी न्यू ईयर"..

"हैप्पी न्यू ईयर" आज रात १२ बजे घड़ी की सुईयों के मिलन के साथ ही कर्णभेदी संगीत पर भौण्डे-बेहूदा नाच के बीच छलकते जामों के टकराने के साथ कहीं "हैप्पी न्यू ईयर" का जल्लोष सुनाई देगा, तो कहीं माता-पिता-बड़े-बुज़ुर्गों के चरणस्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्ति और दुग्ध-मिष्ठान्न के वितरण के साथ एक-दूसरे को नववर्ष की बधाई-शुभकामनाएँ-शुभाशीष का आदान-प्रदान होगा.. नववर्ष की प्रातः काल कोई होटल, फार्महाउस, अस्पताल, नाले, सड़क पर, बीती रात और रात के साथियों को कोसते तो कोई मंदिर-मस्ज़िद-गिरिजा-गुरुद्वारे में शीश नवाकर बीती ग़लतियों के लिये क्षमा माँगने के साथ ही आने वाले समय में अपने आप सेकुछ संकल्प करते तो कोई अपने, अपने परिवार और प्रियजनों के उज्जवल भविष्य के लिये योजनाएँ बनाते दिखाई देगा.... भले ही राष्ट्रीय नववर्ष स्मरण हो ना हो, उत्सव मनाएँ ना मनाएँ, लेकिन अन्तर्राष्ट्रीय नववर्ष मनाने में कहीं कोई चूक, कोर-कसर बाक़ी नहीं रहनी चाहिये.. बहरहाल: दुनियाँ यही है, दस्तूर यही है और जब तक ये दुनियाँ है, ये सब कुछ इसी तरह बदस्तूर जारी रहेगा.. "समस्त भारतवासियों" को नववर्ष की हार्दिक बधाई एवं उज्जवल भविष्य हेतु अनन्त शुभकामनाएँ.. सदैव: स्वस्थ्य-खुशहाल-प्रसन्नचित्त रहें, उन्नति-प्रगति पथ पर चलते हुए शिखर स्पर्श करें, यही मंगलकामना..

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