विधानसभा चुनाव २०२३, Semi Final या Final?

विधानसभा चुनाव २०२३, Semi Final या Final? यदि तमाम Exit Polls को आधार मानें तो इस बार के विधानसभा चुनाव अनेक दिग्गज नेताओं के राजनैतिक Career के अन्तिम अथवा समाप्ति के चुनाव होंगे. जिनमें मध्यप्रदेश में कॉंग्रेस से दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, सुरेश पचौरी तो भाजपा से कैलाश विजयवर्गीय और उमा भारती. क्योंकि यदि मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा सरकारें बनीं तो दिग्विजय, कमलनाथ, पचौरी के राजनैतिक Career का अन्त सुनिश्चित है तो दूसरी ओर कैलाश विजयवर्गीय का राजनैतिक Career भी हार की प्रबल आशंकाओं के चलते दांव पर लगा हुआ है. उमा भारती की बात की जाए तो Party के प्रति अपने नरम-गरम रवैये, चुनाव में निष्क्रीयता, केन्द्रीय मन्त्रीमण्डल से निकाले जाने के चलते उनका राजनैतिक Career तो समाप्त ही माना जा सकता है. लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण एवं विचारणीय बात ये है कि पाँच राज्यों का विधानसभा चुनाव होते हुए भी ये चुनाव पूरी तरह मोदी बनाम राहुल में परिवर्तित हो चुका था और इसे मोदी बनाम राहुल बनाने में दोनों ही दलों के नेता-कार्यकर्ताओं ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी. और अब, यदि Exit Polls नतीजों में परिवर्तित होते हैं और देश के दो सबसे बड़े राज्यों में कॉंग्रेस की हार होती है, तो क्या ये माना जाए कि मोदी के सामने लगातार दो लोकसभा, चालीस से ज़्यादा विधानसभा, देश भर के निकाय और यहाँ तक कि अमेठी से खुद का लोकसभा चुनाव तक बुरी तरह हार जाने वाले राहुल गाँधी, एक बार फिर मोदी से बुरी तरह मात खा गए हैं, देश भर में "भारत जोड़ो यात्रा" निकालने और उसकी प्रचण्ड सफलता और समर्थन के दावों के बावजूद? क्या ऐसी स्थिति में, I.N.D.I.A. के घटक दल २०२४ में राहुल गाँधी के नेतृत्व अथवा अगुवाई में लोकसभा चुनाव लड़ना स्वीकार करेंगे? क्या कॉंग्रेस के ही नेता-कार्यकर्ता राहुल गाँधी के नेतृत्व में २०२४ लोकसभा चुनाव लड़ना स्वीकार करेंगे? क्या कॉंग्रेस के युवा नेता-कार्यकर्ताओं के मन में स्वयं के राजनैतिक भविष्य को लेकर, राहुल गाँधी के नेतृत्व के प्रति शंका-आशंका-कुशंकाएँ उत्पन्न नहीं होंगीं? दूसरी ओर, मोदी के लिये भाजपा और राष्ट्रीय स्वयम सेवक संघ की ओर से हरी झण्डी ही थी, भले ही मध्यप्रदेश और राजस्थान के चुनाव परिणाम कुछ भी होते, क्योंकि मोदी को अपने आपको साबित करने जैसी कोई परीक्षा नहीं थी तो दूसरी ओर राहुल गाँधी के सामने सबसे बड़ी चुनौती ही स्वयं को साबित करने की है. तो क्या इन चुनावी समीकरणों और देश की जनता के Mood को भाँपते हुए, २०२३ विधानसभा चुनावों को क्या माना जाए, Semi Final या Final? शिशिर भालचन्द्र घाटपाण्डे भोपाल, मध्यप्रदेश. ०९९२०४ ००११४/०९९८७७ ७००८०

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