मुस्लिम आरक्षण की मांग: क्या समूचा विपक्ष भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की साज़िश रच रहा है

समूचे विपक्ष द्वारा, एक स्वर में, मुस्लिम आरक्षण की न केवल पुरज़ोर मांग की जा रही है, बल्कि कांग्रेस समेत अनेक विपक्षी दलों ने तो अपने शासित राज्यों में तो पिछड़े वर्ग का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दे भी डाला है, कर्नाटक इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो ये उठता है कि आख़िर धर्म के नाम पर आरक्षण क्यों और कैसे? इसके दो ही रास्ते हैं, बाबा साहेब अम्बेडकर जी के संविधान को बदलकर आरक्षण सीमा को पचास प्रतिशत से बढ़ाकर मुसलमानों को आरक्षण दिया जाए या बाबा साहेब की वर्तमान आरक्षण व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए पिछड़े, आदिवासी, अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को छीनकर मुसलमानों को दे दिया जाए। लेकिन ये साज़िश मात्र यहीं ख़त्म नहीं होती। देश में मुसलमानों की तादाद बढ़ाकर भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिये समूचा विपक्ष एकजुट होकर न केवल: रोहिंग्यों बांग्लादेशियों पाकिस्तानियों को भारत में बसाने की पुरज़ोर वक़ालत कर रहा है, बल्कि अपने शासित राज्यों में भारी संख्या में बसा भी चुका है। इतना ही नहीं: CAA/NRC जनसंख्या नियन्त्रण क़ानून समान नागरिक संहिता क़ानून का विरोध भी इसी भयंकर साज़िश का हिस्सा हैं। शिशिर भालचन्द्र घाटपाण्डे ०९९२०४००११४

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