“वक़्फ़ Board: एक भयावह गहरी साज़िश”
देशभक्त, सच्चे मुसलमान, सिर्फ़ एक बार दिल और दिमाग़ से सोचें, समझें, फ़ैसला करें:
१. क्या वक़्फ़ Board सम्पत्तियों पर आपका अधिकार या हिस्सा है?
२. क्या भविष्य में वक़्फ़ Board के तथाकथित चन्द मालिकों द्वारा, आपकी सम्पत्ति: घर-मकान, ज़मीन पर भी अधिकार जताकर, उसे हथियाया नहीं जा सकता?
३. क्या वक़्फ़ Board वाकई में उनका हितैषी है, या फिर आपको मोहरा बनाकर, उकसा-भड़काकर, अपना मतलब-स्वार्थ पूरा कर रहा है?
४. क्या वक़्फ़ Board आपको ठीक CAA की तरह झूठ फैलाकर बरगला नहीं रहा है, जिसमें उनसे ये झूठ कहा गया था कि CAA लागू करके मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी, जबकि CAA नागरिकता छीनने वाला नहीं, नागरिकता देने वाला विधेयक है?
५. जिस तरह पाकिस्तान में आम नागरिकों के हालात बदतर से भी बुरे हैं, क्योंकि आज पूरे पाकिस्तान पर हुक्मरानों और सेना के लोगों का क़ब्ज़ा है। ज़मीनों-जायदादों-सम्पत्तियों से लेकर, सारे काम-धंधों पर भी उन्हीं का क़ब्ज़ा है। हालात ये हैं कि पाकिस्तान का आम मुसलमान नागरिक भी अपने परिवार समेत, भूखों मरने की कगार पर है। बाकी चीज़ों की तो बात ही क्या: आटा, दाल, चावल, अनाज, तेल, सब्ज़ियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं और इन्हें ख़रीद पाना, आम मुसलमान नागरिक के भी बस के बाहर की बात हो गई है।
६. क्या आप चाहते हैं कि भारत में भी यही हालात हो जाएं, वक़्फ़ Board की आड़ में, चन्द बड़े बड़े लोग, आपकी ज़मीन-जायदाद-सम्पत्ति, खेत-खलिहान, घर-मकान हड़प/हथियाकर, आपके मालिक बन जाएं और आपकी हालत गुलामों से भी बदतर कर दें, आपको और आपके परिवार को मोहताज कर दें?
७. यदि आप वाकई में अपने घर-परिवार, ख़ानदान और आने वाली नस्लों का भला चाहते हैं तो वक़्फ़ संशोधन विधेयक में सरकार का समर्थन करें। यकीन मानिये: इससे आपका, आपके घर-परिवार का, आपके ख़ानदान और आने वाली नस्लों का भविष्य पूरी तरह/१०० प्रतिशत सुरक्षित हो जाएगा। भविष्य में कभी भी वक़्फ़ Board आपकी ज़मीन-जायदाद-सम्पत्ति, खेत-खलिहान, घर-मकान हड़पने/हथियाने की साज़िश नहीं कर पाएगा।
८. दिल और दिमाग़ दोनों से सोचिये: पिछले १० सालों में जितनी भी सरकारी योजनाएं आईं, क्या उनमें आपके साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव किया गया? मुसलमान होने के चलते, क्या आपको किसी योजना के लाभ से वंचित रखा/किया गया?
९. दूसरी ओर, आख़िर वक़्फ़ Board ने आपको, आपके घर-परिवार को, आपके ख़ानदान को, क्या दिया है? आप सबका, क्या और कौन सा भला किया है? बल्कि असल में हुक्मरानों और मालिकों की तरह, केवल फरमान जारी करते आए हैं, आज भी वही कर रहे हैं।
सच्चाई जानिये कि असल में क्या है वक़्फ़ Board संशोधन विधेयक या क़ानून:
पहले: महिला सदस्य नहीं, किसी अन्य धर्म का व्यक्ति सदस्य नहीं।
अब: दो मुस्लिम महिला सदस्यों और धर्म के व्यक्तियों की सदस्यता का प्रावधान।
पहले: वक़्फ़ Board की सम्पत्तियों पर केवल ट्रिब्यूनल में ही अपील प्रावधान।
अब: ट्रिब्यूनल के अलावा सिविल कोर्ट, हाईकोर्ट, रेवेन्यू कोर्ट में भी अपील का प्रावधान।
पहले: ट्रिब्यूनल का फ़ैसला ही आख़री, चुनौती का अधिकार या प्रावधान नहीं।
अब: ट्रिब्यूनल के फैसली के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में अपील का प्रावधान।
पहले: किसी ज़मीन पर मस्ज़िद हो या अवैध तरीक़े दी जाए, तो वो ऑटोमेटिक वक़्फ़ सम्पत्ति।
अब: जब तक किसी ने सम्पत्ति दान में नहीं दी हो, वक़्फ़ की संपत्ति नहीं होगी। भले ही मस्ज़िद क्यों न हो।
क्या संशोधन विधेयक/क़ानून में, इनमें से एक भी संशोधन ग़लत है, न्यायसंगत/तर्कसंगत नहीं है?
क्या आपको नहीं लगता, देशविरोधियों द्वारा, झूठ परोसकर, आपको:
उकसाया जा रहा है
भड़काया जा रहा है
बरगलाया का रहा है
और देश में:
अस्थिरता
अराजकता
दंगे-बवाल-गृहयुद्ध की स्थिति निर्माण करने का षड़यन्त्र किया जा रहा है?
Bill का समर्थन कर रहे मुसलमान जानते हैं, कि वक़्फ़ द्वारा उनकी::
ज़मीन-जायदाद
खेत-खलिहान
घर-मकान पर भी क़ब्ज़ा किया जाएगा।
उन्हें ग़ुलाम बनाया जाएगा।
ठीक पाकिस्तान की तरह
जहां
सेना-हुक्मरानों ने,
जनता को अपना ग़ुलाम बना रखा है,
दान-दाने को
कमाने-खाने को,
तरसा रखा है,
मोहताज बना डाला है।
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